आखिरी 3 मैचों में चेन्नई सुपरकिंग्स की लाज बचाने वाले ऋतुराज के कोच ने बताया - कैसे वो बने ओपनर - Farman

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Sunday, 3 January 2021

आखिरी 3 मैचों में चेन्नई सुपरकिंग्स की लाज बचाने वाले ऋतुराज के कोच ने बताया - कैसे वो बने ओपनर

आईपीएल:  आईपीएल-2020 में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी है। लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए आखिरी 3 मैचों में शानदार प्रदर्शन करके सबका ध्यान अपनी तरफ खीचने वाले सीएसके के सलामी बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी क्रिकेट दिग्गजों और फैंस का दिल जीत लिया। 



महाराष्ट्र के इस युवा खिलाड़ी की तारीफ खुद सीएसके के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी की। उन्होंने लगातार तीन पारियों में 3 अर्धशतक जड़कर 3 बार मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हासिल किया। ऋतुराज की सफलता के पीछे 7 साल पहले मिली उस सलाह का बड़ा हाथ है। जो उन्हें उनके कोच संदीप चव्हाण ने दी थी।

ऋतुराज के कोच संदीप चव्हाण ने कहा कि उन्होंने 7 साल पहले इस युवा खिलाड़ी को पारी का आगाज करने की सलाह दी थी। ऋतुराज के कोच संदीप ने कहा कि वह वेंगसरकर क्रिकेट अकादमी में हमारे प्रशिक्षु थे। मुझे लगता है कि तब वह 16 साल के थे और जूनियर स्तर पर महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए मध्य क्रम में बल्लेबाजी करते थे।



इसके आगे उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि मैंने रुतुराज से क्लब मैच में पारी का आगाज करने की सलाह दी और कहा कि इससे उन्हें भविष्य में फायदा होगा। इसके आगे चव्हाण ने कहा कि वह 16 साल के थे और स्थानीय टूर्नामेंट (मांडके ट्रॉफी) के सीनियर स्तर के मैच में उन्होंने पारी का आगाज करते हुए 100 और 90 रन बनाकर मेरे फैसले को सही साबित किया।

संदीप चव्हाण ने आगे कहा कि अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए शुरुआत में सलामी बल्लेबाज के तौर पर उन्हें कुछ परेशानी हुई। लेकिन वह इसमें ढल गए और अब विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज बन गए हैं। संदीप चव्हाण ने कहा कि ऋतुराज साल 2008-09 में 12 साल की उम्र में इस अकादमी में शामिल हुए और उन्हें तभी पता चल गया था कि उनमें एक विशेष प्रतिभा है।

इसके आगे ऋतुराज के कोच संदीप चव्हाण ने कहा कि शुरुआत में उनके साथ तकनीक की समस्या थी। लेकिन उन्होंने अंडर-14 की जगह अंडर-19 में खेलना शुरू किया और इससे उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा। इससे उनकी यह समस्या दूर हो गई।

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